फुरसत के क्षणों में, आओ मिलकर करें मनन,
कौन (बडी कलम या तलवार ?⚔ मानस पटल पर ऊँचे विचार ,
या कृपाण में है शक्ति अपार ii
✍बन्द कक्ष में बैठ रचोगे क्रान्ति गीत या मृदुल गान,
या खड्ग पकड़ जीत लोगे भीतर बाहर युद्ध का मैदान ii
?दीप शिखा ज्ञान की फैलाती हर कोने -कोने में उजियारी,
परन्तु तलवार चलाकर होती देशद्रोहियों से नित रखवारी ii
✍लेखनी तो शक्ति है मूक-बधिरों के मन में भाव जगाने वाली,
विचार क्रान्ति से करती रोशनी नर संहार से बचाने वाली ii
?नि:सन्देह हिंसक जीव से आत्मरक्षा को चाहिए हाथ में तलवार,
निर्मम होती मानवता ,जब खंजर बनते सुरक्षा हित आधार ii
✍नीरवता की आड में डोभाल(मैं)भी करता चिन्तन, कौन श्रेष्ठ ?
कवि -कोविद या शमशीर का करें अभिनन्दन ii
?क्रान्ति बीज दोनों बोते, हों धीर- वीर चाहे साहित्यकार,
असह्यता को छोडते नहीं, सहनशील को करते नमन बारम्बार ii
✍लेखनी बनती परिवर्तन की धारा , अक्षर -2 सींचते मनुजता की आस,
देश दशायें बदलती खामोश कलम, शमशीर बुझाती शोणित से प्यासii
??विद्वतगणों को सादर भेंट ???
रचित द्वारा :- बी. पी. डोभाल ✍???
दि. 25-6-2017,कवि करोति काब्यानि स्वादु जानाति पण्डित……………. ??
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