प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार कल शाम दिनाक १८ नवम्बर को लगभग 0630-0700 बजे के करीब एक 19-20 वर्षीय नरेंद्र सिंह रावत गाँव गोना पुत्र स्वर्गीय श्री जबर सिंह रावत का एक बारात बस नम्बर uk 14 PA 0116 के चालक द्वारा खड़ी बाइक को टक्कर मारने से घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। बस में सवार युवक दिलवर सिंह के अनुसार बस चालाक और कंडक्टर दोनों नशे की हालात में थे । जिनको कई बार बस सवार व्यक्तियों द्वारा सही चलाने की हिदायत भी दी गयी। बावजूद इसके चालाक नहीं माना और सुनहरी गाड़ के करीब सड़क के किनारे बाइक पर बैठे दो युवको को पीछे से टक्कर मार दी । जिसमे पीछे बैठा युवक छटक कर दूर जा गिरा जबकि आगे की तरफ बैठा युवक नरेंद्र बस के नीचे आ गया और उसका सर बस के टायर के नीचे बुरी तरह से कुचल गया और घटनास्थल पर ही युवक की मौत हो गयी। बस चालाक घटनास्थल से फरार हो गया और उसने सुबह लगभग 4 बजे के करीब थाणे में सरेंडर कर दिया( सब इंस्पेक्टर आशीष भट्ट के बयान के अनुसार )। युवक दिलवर के मुताबिक पुलिस ड्राईवर को बचाने की कोसिस कर रही है।
युवक के पिताजी 3 साल पहले गुजर गए थे इसका एक बड़ा भाई घर से कई साल से लापता चल रहा है और एक और भाई दिमागी और शारीरिक रूप से कमजोर है। इसी युवक के कंधो पर घर की सारी जिम्मेदारी थी ।एक बस चालाक की गैर जिम्मेदाराना हरकत की वजह से एक घर का दीया बुझ गया।
घनसाली थाना के अधिकतर कर्मचारी आज बुढाकेदार मेले और माननीय पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज जी के आगमन पर बदोबस्त ड्यूटी में थे जिसकी वजह से सुबह ११२५ तक थाने से भी ये पता नहीं लग पा रहा था की की आरोपी ड्राईवर है कहाँ जबकि तफ्तीश कर रहे सब इंस्पेक्टर आशीष भट्ट के अनुसार आरोपी को सुबह ४ बजे ही हिरासत में ले लिया गया था , मृतक के परिवार वालों ने पुलिस पर सही सहयोग न करने का आरोप लगाया. किसी के घर का आज दिया बुझ गया और मृतक युवक का पार्थिव शरीर पिलखी अस्पताल में ही दिन भर रहा और वही पर उसका पंचनामा भी किया गया . कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि आज दिन भर में इस सड़क से गुजरे पर पीड़ित परिवार का संज्ञान लेने कोई नहीं आया . पीड़ित परिवार इन्साफ के लिए दिनभर भटक रहा था.
पीड़ित परिवार के साथ इन्साफ होगा या नहीं यह वक्त ही बताएगा. पीड़ित परिवार के बयान के अनुसार सबसे बड़ी बात यह रही की पुलिस के बयान और प्रमाण दोनो ही भिन्न नजर आ रहे थे.
सुबह ११ बजे के बस मालिक के बयान के अनुसार आरोपी बस ड्राईवर का मोबाइल बंद था और उसका कुछ अता पता नहीं था . क्यों केस को घुमाया जा रहा था इस बात का पता चलना अभी बाकी है. थानाद्यक्ष घनसाली आज बुधाकेदार क्षेत्र में बंदोबस्त ड्यूटी में थे , जिनसे फ़ोन पर हवी वार्ता के अनुसार व्यक्ति का ११ बजे दिन के अस पास मेडिकल चल रहा था . पीड़ित परिवार का कहना था की उनको सही बात का पता नहीं चल पा रहा था की ड्राईवर आखिर है कहाँ.
सरकार का शराब के जरिये सरकारी खजाने की भरपाई करना कितना ठीक है और यह पहाड़ी युवावों को किस और ले जा रहा है और इसके असर से जिनके घर का दिया शराब पीकर गाडी चलाने वालों की वजह से बुझ गया उनकी सुध कौन लेगा ,कौन उनकी भरपाए करेगा. इसकी जिम्मेदारी किस नेता या मंत्री की होगी..
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