गुरुग्राम: मीडिया रिपोर्ट, हरियाणा के गुरुग्राम में एक अस्पताल की लापरवाही का मामला उस वक्त सामने आया जब यहां गुंडगांव सिविल अस्पताल ने गर्भवती महिला को आधार कार्ड न दिखाने पर
एडमिट करने से इंकार करते हुए ट्रिटमेंट देने से मना कर दिया. अस्पताल के मना करने के बाद जैसे ही महिला जाने लगी प्रसव पीड़ा ज्यादा होने के कारण उसने अस्पताल के दरवाजे पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिलाओं को अस्पताल के बाहर मौजूद महिलाओं ने शॉल की आड़ में डिलीवरी करानी पड़ी, सिविल अस्पताल ने डॉक्टर और नर्स दोनों को ही उनकी इस लापरवाही के लिए निलंबित करते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं.

बच्ची को जन्म देने के घंटों बाद महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया. आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि प्रसव पीड़ा से 2 घंटे तक जूझने के बाद महिला ने बच्ची को जन्म दिया. मुन्नी के परिवार का कहना है कि शुक्रवार सुबह 9 बजे प्रसव पीड़ा होने के बाद वह महिला को सिविल अस्पताल लेकर गए लेकिन अस्पताल में जाते ही अधिकारियों ने उनसे महिला का आधार कार्ड दिखाने को कहा.

शीतला कॉलोनी निवासी मुन्नी के पति बबलू ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचे तब उनके पास आधार कार्ड का नंबर था और उन्होंने कहा कि वह आधार कार्ड ले आएंगे. लेकिन
बावजूद इसके सिविल अस्पताल में महिला को भर्ती नहीं किया गया. बबलू ने कहा कि मैंने अस्पताल अधिकारियों को अपना आधार कार्ड दिखाते हुए उनसे निवेदन किया वह मेरी पत्नी मुन्नी को भर्ती कर लें. इसके बाद उसे आधार नंबर लेकर सदर बाजार भेज दिया कि इस नंबर से आधार की कॉपी निकलवाकर लेकर आओ। लेकिन कहीं भी कॉपी नहीं निकली तो बबलू वापस अस्पताल पहुंच गया. मुन्नी को अस्पताल में भर्ती करने के बाद परिजनों ने बताया कि मां और बेटी दोनों ही अब सुरक्षित हैं.

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