घनसाली :- सूबे के पहाड़ी इलाकों में कितना विकास और पलायन पर कितनी रोक लग गयी है इसके भले ही कई उदाहरण सामने हो पर सबसे बड़ी बात यह है  की जो व्यक्ति कभी खुद के लोगों और क्षेत्र के विकास के लिए ९० के दशक में एक अनशनकारी की बड़ी भूमिका निभा चूका है और वह गाँव का पूर्व प्रधान रहने के साथ-साथ बीजेपी का सदियों से अंध भक्त सदस्य है  . ऐसे में सबसे बड़ी बात यह है की वह बुजुर्ग असहाय व्यक्ति कोई और न होकर केंद्र और उत्तराखंड राज्य दोनों जगह सरकार चला रही पार्टी का ताउम्र सदस्य रहा हो तो ऐसे में सवाल उठना लाज़मी हो जाता है.

जब एक वयोवृद्ध और वह भी सत्ताधारी बीजेपी पार्टी का सदस्य जिसने ताउम्र बीजेपी पार्टी के लिए ही तन मन से कार्य किया हो वह भी तब जब बीजेपी के फर्श के दिन थे और आज जब बीजेपी के अर्श के दिन हैं तो ऐसे में  वह आज अपने खुद के इलाज़ के लिए दर-दर की ठोकर क्यों खा रहा है , वह आज अपने दायें पर की असहाय पीड़ायुक्त बीमारी से लाचार है और उसके पास संसाधन उपलब्ध न होने के कारण वह अपने पैर के इलाज़ के लिए पहाड़ की समस्याग्रस्त उंचाईयों से नीचे समतल में फैले अत्याधुनिक अस्पताल में इलाज़ के लिए नहीं जा पा रहा है..

हम आपको बता दें की यह बुजुर्ग व्यक्ति है घनसाली विधानसभा के अति दूरस्थ गाँव मरवाड़ी का निवासी प्रेम सिंह राणा जो पूर्व प्रधान मारवाड़ी गाँव में ९० के दशक में रह चुके हैं , हम आपको बता दें की यह गाँव बुढाकेदार से लघभग १३ किलोमीटर दूर स्थित है. यह बुजुर्ग व्यक्ति १९९८ में अपने इस गाँव का ग्राम प्रधान रह चूका है और उस विषम प्रस्थिति वाले गाँव और आस- पास के लोगों की सड़क की मांगों के लिए कई बार धरने पर भी बैठा  इसके अलावा उन्होंने बुधाकेदार-अयांरखल मोटर मार्ग के लिए ११ दिन की भूख हडताल भी की थी.

ऐसे समाजसेवी व्यक्ति का बुढ़ापा आज जर्जर हाल में गुजर रहा है उनका एक लड़का सन १९९८ में ही उनको सदा के लिए छोड़ कर चला गया था जिसके २ बच्चो के पालने की जिम्मेदारी भी इस बुजुर्ग के कंधो पर आ खड़ी हई. उनको पिछले एक – डेढ़ साल से वृधावस्था पेंशन भी नहीं मिल रही है जबकि वे सभी कागजात समाज कल्याण विभाग में कई बार जमा करा चुके हैं.

बुजुर्ग प्रेम सिंह राणा का कहना है की पिछले बार जब भीमलाल आर्य क्षेत्र के विधायक थे तब उन्होंने उनके पोतियों की शादी  के समय उनकी आर्थिक रूप से मदद की थी , परन्तु अब समय की मार तो  देखें आज वह व्यक्ति अपने पैर की विचित्र प्रकार की बीमारी से ग्रस्त होकर सबसे से मदद की गुहार लगा चूका है यहाँ तक की वे वर्तमान विधायक शक्तिलाल शाह से  कई बार मुख्यमंत्री राहत कोष और अन्य तरह से  मदद की गुहार लगा चुके हैं बावजूद इसके उनको विधायक साहेब द्वारा केवल आज की बात कल पर टाली जा रही है और ऐसा होते होते लगभग अब साल पूरा होने वाला है.

ऐसे में सवाल उठता है की जब बीजेपी के इस वयोवृद्ध नेता के ये हाल हैं तो आम लोगों के क्या हाल होंगे.

सवाल वहीँ रह गए की  कहाँ गए सरकार के पहाड़ों में रहने वाले गरीब,बुजुर्ग लोगों के स्वास्थ्य और विकास के वादे.

सुने विडियो में इस बुजुर्ग की आप बीती :-

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *