सभी स्त्री-पुरुषों को पता होता है कि विवाह क्या होता है और उस का क्या महत्व है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शादी स्त्री-पुरुष के बीच बंधने वाला वह बंधन है जो जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाता है। विवाह के बाद ही स्त्री-पुरुष पारिवारिक जीवन में प्रवेश करते हैं और वे पति-पत्नी बनते हैं। इसके बाद दोनों के मिलने से बच्चे का जन्म होता है जिससे संसार में मनुष्य का जीवन चक्र चलता है। समाज और परिवार के लिए विवाह के द्वारा ही पति-पत्नी एक हो जाते हैं लेकिन शारीरिक संबंध वैज्ञानिकों के अनुसार शादी से केवल सामाजिक नियमों से पति-पत्नी बनते हैं, जबकि वास्तव में पति-पत्नी को आपस में बांधने का काम शारीरिक संबंध करता है। शारीरिक संबंध क्रिया से जब तक पति-पत्नी को पूर्ण आनन्द और चरम सुख प्राप्त नहीं होता तब तक पति-पत्नी के बीच संबंध मजबूत नहीं होते। पति-पत्नी के बीच जब कभी शारीरिक संबंध में किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न होती है तो उसका असर वैवाहिक जीवन पर पड़ने लगता है। विवाह के समय एक-दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की इच्छा रखने वाले पति-पत्नी का आपसी संबंध टूटने लगता है। पत्नी जो अक्सर पतिव्रता होने की बात करती है और वह पति के अलवा किसी दूसरे के बारे में सोचना भी पसंद नहीं करती, वही स्त्री शारीरिक संबंधों में संतुष्टि न मिलने या अन्य शारीरिक संबंधी कारणों से पति से दूर होने लगती है। ऐसी स्थिति में पति-पत्नी दोनों को चाहिए कि उन कारणों को पता लगाकर समाप्त करें जिनकी वजह से दोनों के बीच मनमुटाव उत्पन्न हुआ हो।
पति-पत्नी के बीच खराब संबंध
शारीरिक संबंध विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर शोध करने से पता चला है कि कुछ समय पहले तक पति-पत्नी के बीच खराब संबंधों का कारण शारीरिक संबंध संबंधों में किसी प्रकार की रुकावट मानते थे और यह कारण आज भी है लेकिन इसके अलावा भी अनेक ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से स्त्री पतिव्रता नहीं रह पाती है। इसका परिणाम यह होता है कि स्त्री अपने पति को छोड़कर किसी ऐसे पुरुष के पास चली जाती है जो उसकी इच्छाओं को पूरा कर सके। स्त्री चाहे किसी भी कारण से दूसरे पुरुष के पास जाती हो लेकिन यह बहुत ही चिंता का विषय है क्योंकि इससे न केवल पति-पत्नी, बल्कि परिवार और संस्कार की भी हानि होती है। स्त्री का किसी दूसरे पुरुष के पास जाना भारी चिंता का विषय है।
शारीरिक संबंध
यह बात काफी समय से चली आ रही है कि शारीरिक संबंधों के कारण पति-पत्नी के बीच विवाद पैदा हो जाता है। वैवाहिक जीवन में शारीरिक संबंधों की आवश्यकता स्त्री-पुरुष दोनों को होती है। स्त्रियों में शुरू से ही लज्जा, शर्म और संकोच भरी रहती हैं और वैवाहिक जीवन के बाद भी वे शारीरिक संबंध के बारे में खुलकर बात नहीं कर पातीं। यही कारण है कि स्त्री शारीरिक संबंध का चरम सुख और पूर्ण आनन्द प्राप्त करने के बारे में स्वयं कुछ नहीं कहती। लज्जा, शर्म और संकोच उन्हें कुछ भी कहने से रोके रखती है लेकिन शारीरिक संबंध एक ऐसी आग है जो भड़कने के बाद आसानी से शांत नहीं होती। कभी-कभी कुछ स्त्रियां ऐसी भी होती हैं जो अपनी शारीरिक संबंध की भूख को शांत करने के लिए धन-दौलत को ठोकर मार कर ऐसे पुरुष के पास चली जाती हैं जो उसकी शारीरिक संबंध इच्छा को पूरी कर सके। इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है
परिवारिक समस्याः
विवाह होने के बाद स्त्री-पुरुष का पारिवारिक जीवन शुरू होता है जिसमें समस्याएं उत्पन्न होना एक आम बात है। पुरुष बाहर का काम देखता है और स्त्री घर का काम देखती है। इस तरह पुरुष अक्सर बाहरी समस्याओं के कारण तनावग्रस्त रहता है जिसका परिणाम यह होता है कि वह स्त्री की इच्छा को समझ नहीं पाता है। अक्सर जब पुरुष अपनी बाहरी समास्याओं से परेशान हो जाता है तो उसे गुस्सा और क्रोध आता है जिसे वह अपनी पत्नी पर उतारता है। इस तरह बाहरी समस्याओं के कारण रोज-रोज होने वाले झगड़े से स्त्री तनाव ग्रस्त रहने लगती है और परिणाम यह होता है कि उसमें अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। पुरुष अपनी परेशानियों की वजह से यह नहीं समझ पाता है
पति-पत्नी के बीच झगड़े
वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी पति-पत्नी के बीच झगड़े के बीच कई कारणों से झगड़े होते हैं। इनमें से कुछ सामाजिक पाबंदी और रीति-रिवाज से जुडे़ होते हैं, जैसे- दहेज लेना या पत्नी को पैसे के लिए परेशान करना। इन कारणों से पति-पत्नी के बीच उत्पन्न तनाव और झगड़े अक्सर देखने को मिलते हैं। इस तरह की समस्याओं के कारण अक्सर कहीं न कहीं घटना घटती रहती है।
अयोग्य लड़का-लड़की का विवाहः
आज भी बहुत से गांव में छोटी उम्र की लड़की की शादी बड़े उम्र के आदमी से कर दी जाती है। मां-बाप लड़की की शादी करके सोचते हैं कि उसके सिर का बोझ उतर गया लेकिन वे यह नहीं जानते की इस तरह की शादी किसी लड़की के लिए कितना घातक है, शादी के बाद उस पर क्या बीतता है।मनिलाल नाम का एक आदमी था जिसकी तीन बेटियां थी। उसकी एक छोटी सी दुकान थी।
शादी समान उम्र में न होना :
किसी भी लड़की की शादी समान उम्र के लड़के से न करना एक बहुत बड़ी समस्या है। लड़की की शादी चाहे छोटे उम्र के लड़के से हो या अधिक बड़े उम्र के लड़के से दोनों ही स्थिति में लड़की ही परेशान होती है। अयोग्य शादी के कारण पुरुष को तो शारीरिक संबंध से संतुष्टि मिल जाती है लेकिन स्त्री को शारीरिक संबंध से संतुष्टि नहीं मिलती। स्त्री को शारीरिक संबंध संतुष्टि न मिलने के कारण स्त्री दूसरे पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर मजबूर हो जाती है।इसलिए सभी मां-बाप का कर्तव्य है कि वह अपनी लड़की को भार न समझ कर सही तरह से पालन-पोषण करें और उसकी शादी ऐसे लड़के से करें जो न केवल उसकी आयु का हो बल्कि उसके मन में लड़की के लिए प्यार और सम्मान की भावना भी हो। अधिक आयु वाले लड़के के साथ लड़की की शादी करना ही समाज में स्त्री को दूसरे पुरुष के पास जाने के लिए मजबूर करती है।
स्त्रियों की ऊंची महत्वकांक्षाः
अपने पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से विवाह कर लेने या उसके साथ भाग जाने का कारण केवल समाजिक रीति-रिवाज, परिवारिक समस्या और शारीरिक संबंधों में कमी ही नहीं है बल्कि स्त्री के मन में उत्पन्न इच्छा और आकांक्षाएं भी हैं। अच्छी सुख-सुविधा की इच्छा करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन उस इच्छा और कल्पना में अपनी वास्तविकता को भूल जाना मूर्खता है। आजकल अधिकांश लड़कियां अपनी इन्हीं इच्छाओं के कारण अनेक प्रकार की समस्याओं में फंस जाती हैं और गलत रास्ते पर चली जाती हैं।
गर्भ निरोधक की उपलब्धि:
गर्भ निरोधक योजनाओं के कारण स्त्रियों के लिए नाजायज संबंध बनाना आसान हो गया है। इसका कारण यह है कि पहले जब गर्भ निरोधक साधन उपलब्ध नहीं थे तो स्त्री गर्भ ठहरने के डर से नाजायज संबंध बनाने से डरती थी। कई बार ऐसा भी होता था कि लड़की विवाह से पहले ही शारीरिक संबंध बना लेती थी और गर्भवती हो जाती है। इस तरह गर्भ निरोधक साधनों के बारे में पता न होने से उसके बारे में सभी को पता चल जाता है। कुछ स्त्रियां तो विवाह के बाद भीनाजायज संबंध बना लेती हैं और गर्भ ठहरने से रोकने का उपाय न होने से गर्भवती हो जाती हैं।