आपदा के ४ साल बीत चुके है परन्तु आज भी नहीं धुले 2013 के आपदा के घाव । पीड़ित व्यक्ति खा रहे हैं दर दर की ठोकरें ।
मामला घनसाली विधानसभा के घूतु भिलंग का है ।
गँवाडा गाँव के 72 वर्षीय बचन सिंह रावत जी की दुकान १६/१७ जून २०१३ की रात आई आपदा में बह गया था दुकान में लघभग 3 लाख का सामान बह गया था, गँवाडा गाँव के 72 वर्षीय बचन सिंह रावत जी की यह दुकान प्रेम सिंह गुसाईं जी के मकान पर था
इसी आपदा की रात को पीड़ित चंद्र भूसण निवासी मेंदू सेंडवाल गाँव की भी दुकान बह गयी थी ,जिसमे लघभग 3•5 लाख का सामना पूरा का पूरा बह गया , पीड़ित चंद्र भूसणजी की यह दुकान श्रीमती इन्द्रदेई देवी के मकान पर घुत्तु में थी
पीड़ित बचन सिंह जी और पीड़ित चंद्र भूसण का कहना है की वे तब से लेकर आज तक हर जगह अपनी शिकायत कर चुके हैं परतुं आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ भी नहीं मिला है।
एक वरिष्ट नागरिकऔर एक ३९ वर्षीय ययुवकक का रोजगार का साधन खतम हो गया है बावजूद इसके शाशन प्रशाशन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है।
दोनों आपदा पीड़ितों का आरोप है की वे बीजेपी के वर्तमान मुख्यामंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के पास भी उनके जनता दरबार में अपना दुखड़ा रख चुके हैं बावजूद इसके उनके हाथ केवल निराशा ही लगी है।
दोनों आपदा पीड़ितों का आरोप है की उनका सरकारी व्यवस्थाओं से भरोसा उठ गया है।
पीड़ित व्यक्ति 4 साल से 72 वर्षीय बचन सिंह के साथ शाशन प्रशाशन से गुहार लगा रहा है परन्तु कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
2 लोगो के परिवारों का जीविका के साधन ख़तम हो गए परन्तु शाशन प्रशाशन के कानो पर जूँ तक नहीं रेंगी।
दोनों आपदा पीड़ितों का आरोप है की 4 साल से देहरादून सचिवालय से लेकर जिला प्रशाशन टेहरी तक ये कई चक्कर लगा चुके हैं परन्तु इनको कोई सुननेवाला ही नहीं है
दो परिवारों की जिंदगी आज भारी कर्जे के बोझ तले दबी है ,ना ही शाशन प्रशाशन ना ही जनप्रतिनिधि इनकी सुध ले रहा है ऐसा इनका आरोप है।
दोनों ही व्यक्तियों का आरोप है की शाशन प्रशाशन से मदद की गुहार के चक्कर में इनकी अपनी थोडा बची खुची आमदनी भी खर्च हो गयी।
अब दोनों पीड़ितों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी मदद की गुहार लगायी है , जिला प्राधिकरण से इनकी मदद के लिए हमारे सहयोग से दीपक थपलियाल जी बेलेश्वर पहुंचकर इनकी शिकायत आगे ले जायेंगे.
दोनों पीड़ितों का आरोप है की ये लोग उस समय निरिक्षण पर आये लोगों को चाय पानी का खर्चा देने में असमर्थ थे जिसका खाम्याज़ा ये लोग आज तक भुगत रहे हैं ,
इनका कहना है की पीड़ितों का आरोप है , हम लोग भारी क़र्ज़ के तले दबे हैं i जल्द ही अगर शाशन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की तो उनके पास अपने परिवार के साथ आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा.
सवाल यह है की क्या अब शाशन प्रशासन इनकी सुध लेगा ?
पीड़ित का बयान