यूं तो पूरे प्रदेश में ही कार्य कर रही हज़ारों संस्थाओं में से कई कार्यरत संस्थाओ की समाजकल्याणकारी योजनाओं की स्थिति धुंधली है और मालिकों की चमकीली पर घनसाली विधानसभा में अकेले कई ऐसी संस्थाएं क्षेत्र के विकाश के लिए कार्य करने का दावा कर रही है और उनमे से कई के कार्य हक़ीक़त में कागजों तक ही सिमटे हैं।
कमीशनखोरी ने यहां भी कब्जा जमाया हुवा है और संस्था को चलाने वाले मालदार होते जा रहे है जबकि जनता को कोई खाश लाभ मिला ही नहीं हाँ इतना अवश्य हो रहा है की विधानसभा में ऐसे संस्था चलाने वाले लोग जो बाहर की फंडिंग पर निर्भर हैं वे लोग आम से खाश और गरीब से अमीर अवश्य हो गए हैं।
कब लगेगी ऐसे संस्थाओं की फंडिंग पर रोक ।
ऐसे समय में युथ फाउंडेशन ने युवाओं को रोजगार देने का ऐसा कारिश्मायी कार्य करने का न सिर्फ बीड़ा उठाया बल्कि उसको शतप्रतिशत सच करके भी दिखा रहा है।
ऐसे में धन्य है युथ फाउंडेशन के जनक कर्नल अजय कोठियाल जिन्होंने अपना सर्वस्व लगा दिया इस संस्था के माध्यम से उत्तराखंड के युवाओं को देशसेवापरक रोजगार देने के लिए और आइना दिखाया उन संस्था चलाने वालों को जिन्होंने थोड़े से समय में देहरादून , ऋषिकेश से लेकर तमाम जगह अपनी लाखों-करोड़ों की जमीन जायदाद खड़ी कर दी है और वे ये सभ संभव कर पाए संस्था में अपने झोल झाल के कार्य करके और मजे की बात आज भी धड्ल्ले से उन्ही संस्थावों को फंडिंग भी मिल रही है.
आज घनसाली विधानसभा के 62 बच्चों का चयन कर , 62 परिवारों की ना केवल रोजी रोटी को पक्का किया अपितु देश के लिए नए रणबांकुरों को तैयार कर दिया युथ फाउंडेशन की दृढ शक्ति और युवाओं के लिए कुछ कर देनें की चाह ने.
यह कोसिस संभव हो पायी भिलंगना ब्लाक के भूतपूर्व सैनिक संगठन की एक डेढ़ साल की भाग दौड़ की वजह से खाश तौर पर क्षेत्र के युवा सेवानिर्वित नौसैनिक और समाजसेवी हर्षमणि उनियाल (केराराम स्कूल के उपप्रबंधक )के प्रयाशों से जिन्होंने क्षेत्र में ऐसे कैंप आयोजित करने के कर्नल साहेब से लगातार निवेदन करते रहे और सेंदुल महाविधयालय और बुधाकेदार दोनों कैम्पों में स्वयं खड़े रहे युवावों के लिए.
ब्लाक भिलंगना का भूतपूर्व संगठन युवाओं की बेरोजगारी की पीड़ा को समझता है इसलिये भरसक कोसिस कर रहा है की यहाँ पर शिक्षा , स्वास्थय और रोजगार के लिए नित नए कार्य होते रहे।
कर्नल अजय कोठियाल युवाओं की दिल की धड़कन के जज्बे को सलाम ।