नई दिल्ली. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 34वीं बार मन की बात की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा- “बारिश का मौसम लोगों के लिए लुभावना वक्त होता है। कभी-कभी बारिश से बाढ़ आती है तो इसका विकराल रूप सामने आता है। जीएसटी पर लोगों ने कई लेटर भेजे हैं। जीएसटी लागू होने के बाद ग्राहकों का व्यापारियों पर भरोसा कायम हुआ है।”सरकार बाढ़ पीड़ितों की पूरी मदद कर रही है…

– मन की बात में मोदी ने कहा- “बारिश का मौसम लोगों के लिए लुभावना वक्त होता है। कभी-कभी बारिश से बाढ़ आती है तो इसका विकराल रूप सामने आता है।”

– “प्रकृति के इस रूप से निराशा भी होती है। पिछले दिनों गुजरात, राजस्थान, नॉर्थईस्ट और बंगाल में बाढ़ आई है। सरकार बाढ़ पीड़ितों की पूरी मदद कर रही है।”

– “सेना और एनडीआरएफ के जवान लोगों को निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बाढ़ से किसानों को काफी नुकसान होता है। हमने फसल बीमा के लिए कंपनियों को प्रो-एक्टिव होने के लिए कहा है।”
– “किसान हेल्पलाइन नंबर पर परेशानियां बता रहे हैं। मौसम का अनुमान करीब-करीब सही निकल रहे हैं। ये सब स्पेस टेक्नोलॉजी की बदौलत है। जब भी मैं मन की बात की तैयारी करता हूं उससे ज्यादा लोग तैयार करते हैं।”

जीएसटी के फायदे दिखने लगे हैं
– मोदी ने कहा, “जीएसटी के लिए कई लेटर और मैसेज आए। एक महीने में ही इसके फायदे दिखने लगे हैं।”
– “मुझे खुशी होती है कि गरीबों के लिए चीजों के दाम कैसे कम हो गए हैं। कारोबार आसान हो गया है। कारोबारियों की आय बढ़ी है।”
– “ट्रकों की रफ्तार बढ़ने से पॉल्यूशन कम हुआ है। ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सिस्टम आसान हो गया है। गुड एंड सिम्पल टैक्स से स्मूथ ट्रांजैक्शन हुए हैं। पूरी दुनिया में इकोनॉमी के जानकार इस पर रिसर्च करके जरूर लिखेंगे।”

क्रांति का महीना है अगस्त
– मोदी ने कहा, “अगस्त का महीना एक तरह के क्रांति का महीना है। एक अगस्त को असहयोग आंदोलन और 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ।”
– “15 अगस्त को देश आजाद हुआ। अंग्रेजो भारत छोड़ो का नारा डॉक्टर यूसुफ मेहर अली ने दिया। युवा पीढ़ी को इसे जानना चाहिए।”
– “इस आंदोलन से जुड़कर लोग अंग्रेज सरकार के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन का हिस्सा बन गए थे। गांधीजी के कहने पर लाखों लोग करो या मरो के नारे पर खुद को आजादी के लिए झोंक रहे थे। अंग्रेजों ने महापुरूषों को जेल में डाल दिया। 1920 और 1942 में बापू के आंदोलन के दो रूप दिखाई देते हैं।”

इस बार संकल्प लें, 5 साल में सिद्ध करें
– मोदी ने कहा, “भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम 1857 से शुरू हुआ था। आंदोलन में हर कोई कुछ न कुछ करने के लिए तैयार रहा। लोग आते और जुड़ते गए।”
– “1942 आंदोलन की चरम सीमा पर पहुंचा। अगले 5 साल में अंग्रेजों को देश छोड़कर जाना पड़ा। ये निर्णायक साल थे। हम 1947 में हम आजाद हुए।”
– “अब 2017 में 70 साल हो चुके हैं। कई सरकार आईं। मैं देख रहा हूं कि 2017 से 2022 के लिए नया संकल्प लें। अगर देशवासी 9 अगस्त क्रांति के दिन संकल्प ले कि मैं देश के लिए क्या करूंगा तो अगले 5 साल भी भारत के भविष्य के लिए निर्णायक बन सकते हैं।”
– “2022 में जब हम आजादी के 75 साल मनाएंगे तो नारा हो कि नए भारत के लिए गरीबी भारत छोड़ो, सांप्रदायिकता भारत छोड़ो, बेईमानी भारत छोड़ो, गंदगी भारत छोड़ो।”

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