मोदी सरकार का नया फरमान, इतनी रकम का किया लेनदेन तो दिखानी होगी ऑरिजिनल आईडी

शेयर ब्रोकर, चिट फंड कंपनियां, सहकारी बैंक, आवास वित्त संस्थान और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी रिपोर्टिंग इकाई के रूप में वगीकृत किया गया है।

 केंद्र सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए एक निश्चित सीमा से अधिक का लेनदेन करने वाले लोगों के मूल पहचान दस्तावेजों का प्रतिलिपियों के साथ मिलान करने को कहा है, जिससे जाली या धोखाधड़ी कर बनाए गए दस्तावेजों के इस्तेमाल की संभावना को समाप्त किया जा सके। वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने गजट अधिसूचना जारी कर मनी लांड्रिंग रोधक (रिकॉर्ड रखरखाव) नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के तहत रिपोर्ट करने वाली इकाई को ग्राहकों द्वारा दिए गए आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज का मूल और प्रतिलिपि के साथ मिलान करना होगा।

शेयर ब्रोकर, चिट फंड कंपनियां, सहकारी बैंक, आवास वित्त संस्थान और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी रिपोर्टिंग इकाई के रूप में वगीकृत किया गया है। रिपोर्टिंग इकाइयों को खाता खोलने वाले किसी व्यक्ति या 50,000 रुपये से अधिक का लेनदेन करने वालों से बायोमीट्रिक पहचान नंबर आधार और अन्य आधिकारिक दस्तावेज लेना जरूरी है। इसी तरह की अनिवार्यता 10 लाख रुपये से अधिक के नकद सौदे या उतने ही मूल्य के विदेशी मुद्रा सौदे के लिए भी है।

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