70 के दशक के हिन्दी सिनेमा के मशहूर अभिनेता शशि कपूर का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया है .. 79 वर्षीय शशि काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे… कुछ ही दिनों पहले उन्हे मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होनें अपनी आखिरी सांसे ली। शशि कपूर बॉलीवुड के पितामह पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थें  और राज कपूर और शम्मी कपूर  की तिकड़ी का हिस्सा थे। शशि कपूर ने 160 से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय किया और अपने दमदार अभिनय के दम पर उन्होनें इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई।

गौरतलब है कि 79 वर्ष के शशि कपूर काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 1984 में अपनी पत्नी जेनिफर की कैंसर से मौत के बाद शशि कपूर काफी अकेले हो गए थे .. इससे उनकी तबीयत पर भी काफी असर पड़ा जिसके बाद बीमारी की वजह से शशि कपूर ने फिल्मों से भी दूरी बना ली थी । वहीं साल 2014 में इन्हें चेस्‍ट इंफेक्‍शन हुआ था और उस समय उनकी बायपास सर्जरी भी की गई थी… उसके बाद से वो लगभग बीमार ही चल रहे थे।  बीते तीन हफ्ते पहले शशि को कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था… जहां सोमवार को उन्होने अपनी आखिरी सांसे लीं.

शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 में को कोलकाता में हुआ था.. वैसे शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था पर प्यार से शशि कहलाते  थे ऐसे में इन्होने फिल्मों में इसी नाम से आने का फैसला लिया। पिता राजकपूर चूकि फिल्म में स्थापित नाम थे इसलिए शशि को एक्टिंग की बारिकियां सीखने में वक्त नही लगा और पिता के ही ‘पृथ्वी थियेटर्स’ से शशि ने अपने एक्टिंग करियरकी शुरुआत की थी। शुरूआत में शशि कपूर ने गैर परम्परागत भूमिकाएं निभाई जिसमें दंगों पर आधारित फिल्म ‘धर्मपुत्र’ और उसके बाद चार दीवारी और प्रेमपत्र जैसी ऑफ बीट फिल्मों की । लेकिन  70 के दशक आते आते शशि कपूर हिन्दी सिनेमा जगत में रोमांटिक हीरो के तौर पर पहचाने जाने लगे थें और ‘सत्य शिवम सुंदरम’, ‘नमक हलाल’, ‘जब-जब फूल खिले’ और ‘कभी-कभी’ जैसी सुपर हिट फिल्मों में अपने बेहतरिन अभिनय का जौहर बिखेरा। अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘दीवार’ शशि कपूर के फिल्मी करियर के लिए भी मील का पत्थर साबित हुई.. इस फिल्म में इनके निभाए गए किदरार और डॉयलाग आज भी लोगों को ज़ेहन में ताजा हैं।

हिन्दी सिनेमा में शशि कपूर के अतुलनीय योगदान के लिए इन्‍हें 3 बार राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार दिया चुका है। 2011 में इन्हें जहां पद्मभूषण से सम्‍मानित किया गया था… वहीं  साल 2015 में उनको 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था और इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर खानदान के तीसरे सदस्य बने थे। वैसे शशि कपूर, अपने ख़ानदान में थिएटर से सबसे ज़्यादा समय तक जुड़े रहे थे और उन्होनें अपने पिता की विरासत ‘पृथ्वी थिएटर्स’ को लंबे समय तक चलाए रखा .. जब तक वो स्वस्थ रहे तब तक पत्नी जेनिफ़र के साथ वो इससे जुड़े रहे।

दिग्गज अभिनेता के निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है.. शशि कपूर के निधन की खबर सुनते ही उनके भतीजे ऋषि कपूर दिल्ली में अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़ मुंबई रवाना हो गए। वहीं फिल्मी सितारों से लेकर प्रसिद्ध हस्तियां इन्हे सोशल मीडिया पर श्रद्धांजली दे रही है। ट्विटर पर फिल्म अभिनेता अर्जुन रामपाल ने शशि कपूर और उनके परिवार के लिए अपनी संवेदनाए प्रकट की हैं, वहीं पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने दिवंगत कलाकार के दीवार फिल्म के फेमस डॉयलाग के जरिए अपने ही अंदाज मे श्रदांजली दी है।

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