राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला।
अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाएगा ये अवॉर्ड।
आपको बता दे की हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में खास योगदान रहा है।
मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा खेल रत्न अवॉर्ड।
इस अवार्ड की शुरआत 1991-92 में की गई थी ।
केंद्र की मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब बदल दिया है.
सरकार ने इसे हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नामक्र दिया है।
आपको बता दे की मेजर ध्यान चाँद ने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे. इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए।
केंद्र की मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है. सरकार ने इसे हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है.
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा खेल रत्न अवॉर्ड।
मेजर ध्यानचंद का हॉकी में अविश्वसनीय योगदान रहा है।
मेजर ध्यान चंद का सफर भारतीय खेल इतिहास को गौरवान्वित करता है. अपने समय में तीन ओलंपिक (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन) में भारत को हॉकी का स्वर्ण पदक दिलाने वाले ध्यानचंद के खेल का हर कोई कायल रहा.
आश्चर्यजनक रहा टोक्यो ओलंपिक में पुरुष और महिला हॉकी टीम का प्रदर्शन।
अब टोक्यो ओलंपिक में महिला और पुरुष हॉकी टीम के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद देश में एक बार फिर लोग हॉकी को प्यार देने लगे हैं।
भले ही इस बार बेटियां पदक लाने से चूक गयी पर प्रदर्शन बेहतरीन रहा।
पुरुष टीम जहां 41 साल बाद पदक जीतने में सफल रही तो महिला टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची.
आपको बता दे की इससे पहले पुरुष टीम ने आखिरी बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में मेडल जीता था. तब उस वक़्त भारतीय हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था.

