कांगड़ा गाँव ( घनसाली विधानसभा) :

सड़क मार्ग से ८ से १० किलोमीटर पैदल मार्ग पर बसे घनसाली विधानसभा के इस कांगड़ा गाँव की जिंदगी कब पटरी पे आएगी कब होगा यहाँ के लोगों का जीवन आम जन जैसे. एक छोटी सी  दुर्घटना भी दशहत का माहोल बना देती गाँव के लोगों के जेहन में. आज भी डर के साये में जीते हैं .यहाँ के लोग .शायद  अभी भी गहरी नीद में है हुकूमत करने वाले लोग नहीं खुल रही शाशन प्रशन की नींद .

हाल ही में मीडिया चर्चा में आये इस कांगड़ा गाँव में २४ दिसम्बर की रात को  एक दुर्घटना घटी ,गाँव के एक गरीब कास्तकार सुन्दर लाल  के एक बैल को बाघ ने अपना निवाला बना डाला. सुविधा विहीन इस गाँव में इस गरीब के परिवार को अपनी  जीविका चलाने  के लिए  तथा  गाँव के कई और लोगों की  कृषि भूमि को जोतने के लिए के लिए एक जोड़ी बैल पाल रखे थे . जब एक बैल को बाघ अपना निवाल बना गया है तो ऐसे में गरीब सुन्दर लाल को सबसे बड़ा डर इस बात का सता रहा है की वहां उसके कुछ और भी जानवर भी हैं कहीं उनको भी बघेरा अपना शिकार न बना डाले.

घटना को हुए लगभग २४ घंटे हो चुके पर जंगलात महकमा का कोई भी मुलाजिम इस  सुविधाविहीन गाँव नहीं पहुंचा है.

वेसे अगर गाँव में कोई नहीं पहुंचा तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि इस बात को ग्रामीण पहले ही कह चुके हैं की इस गाँव में कोई भी मुलाजिम या अधिकारी नहीं आना चाहते हैं.

अगर हालात ऐसे ही रहे तो सरकार के पलायन को रोकने के बड़े दावे निश्चित तौर पर ऋषिकेश और देहरादून तक ही सीमित हैं , गरीब कास्तकारों और दुर्गम बीहड़ इलाकों में तो कोई झांकने तक नहीं आता की वहां के हालत कैसे हैं.

मीडिया में सुर्ख़ियों में आने के बाद आज तक कोई इस गाँव की सुध लेने नहीं गया है. कब टूटेगी देहरादून में बड़े दावे करने वालों की निंद्रा.

( विडियो सहयोग चन्द्र मोहन कांगड़ा गाँव.)

https://youtu.be/ULUtFMC6eVs

 

 

 

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