आज मा. मन्त्री डा. धनसिहं रावत जी को ढुगंमन्दार क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओ के विषय मे अवगत कराया गया ढुंगमंदार क्षेत्र के शीशराम बडोनी द्वारा।
मजे की बात यह है की यह कोई नयी बात नहीं है जब किसी एक आम ग्रामीण या समाजसेवी द्वारा ऐसा कोई ज्ञापन दिया गया हो।
समाज का एक तबका है जो हर वक़्त ये चाहता है की इस क्षेत्र की स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाल स्थिति बदल जाए पर ऐसे लगता नहीं की इसमें कोई अमूल चूल परिवर्तन आएगा।
शायद ही पहाड़ के लोगों के लिए कभी वह सुनहरा मौका आये जब यहाँ के स्वास्थय और शिक्षा की हालात सुधरेंगे।
एक तरफ जहाँ 108 सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही है वहीँ दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्र की अनदेखी सालों से करता आ रहा है उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग।
लोगों के उस मर्म को फिर से सरकारी सेवाएं अपनी लचर पचर सेवाओं के चलते ताजा कर देती है जिसमे सबसे बड़ा दुःख देता है टेहरी बाजार और आस पास के तमाम वे इलाके जो जलमग्न हो गए तथा वे अमर शहीद जिन्होंने उत्तराखंड राज्य की स्थापना के लिए अपने प्राणों की आहुती दे दी थी।
सत्तापक्ष हो या विपक्ष सबने राज किया परन्तु स्थिति केवल वायदों तक सिमट कर रह गयी।
कोई भी सरकार आज तक पहाड़ के असली दुःख दर्द का इलाज़ नहीं लेकर आया।
चन्द पंक्तियाँ अनायास जो निकल पड़ी।
आश एक आखरी बची है डबल इंजन की सरकार से,
न उम्मीद से होगा इलाज़ ना होगा किसी तकरार से,
अगर आज कहीं भी कोई पहाड़ी खून है,
जो बचा है इस डबल इंजन की सरकार में।
बस केवल वही खून भर सकेगा,
जख्म जनता के इस मायावी दरबार में।
मोदी के नाम पर खूब हल्ला मचा था इस दरबार में,
कब आएगा वो सिपाही , एक अनोखे लिबास में।
द्वारा :- हर्षमणि उनियाल बेलेश्वर