दीपक मिश्रवाण
घनसाली – ग्रामीण निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड में कार्यरत कनिष्ठ अभियन्ता(संविदा) शासन से पुनः अनुबन्ध को अग्रेतर न होने से परेशान है। विभाग में कार्यरत कनिष्ठ अभियन्ताओं का 30 जून को अनुबन्ध समाप्त हो चुका है। अगस्त का माह भी समाप्त होने वाला है। लेकिन अभी तक शासन से पुनः अनुबन्ध की स्वीकृति नहीं मिल पा रही है, जिसकी वजह से कनिष्ठ अभियन्ता परेशान नजर आ रहे है। विभाग में लगभग 54 विभागीय कनिष्ठ अभियन्ता(संविदा) अपनी सेवा दे रहे है।
ग्रामीण निर्माण विभाग, अस्थाई प्रखण्ड घनसाली की बात की जाये तो 13 पदों के सापेक्ष 9 कनिष्ठ अभियन्ता(संविदा) कार्यरत है और सिर्फ एक ही अपर सहायक अभियन्ता/कनिष्ठ अभियन्ता स्थाई कार्यरत है। ऐसी स्थिति में अगर शासन संविदा कनिष्ठ अभियन्ताओं की पूनः स्वीकृति नहीं देता है, तो घनसाली डिविजन में मात्र एक ही अपर सहायक अभियन्ता के भरोसे पूरे डिविजन का काम आ जायेगा, जिससे निर्माण कार्यो में विपरीत प्रभाव पड़ना स्वभाविक है। स्वीकृति न मिलने से सभी कनिष्ठ अभियन्ताओं के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जिससे वे अपने भविष्य को लेकर बेहद मायूस एवं चिन्तित है। इनका कहना है, कि हम चार-छः वर्षो से लगातार विभाग में अपनी सेवायें दे रहे है। जबकि इतने वर्षो से लगातार विभागीय सेवा करने के बावजूद हमे हमारा भविष्य अन्धकार में नजर आ रहा है।
