घनसाली विधानसभा :-
वेसे तो सूबे की सरकार पहाड़ में स्वरोजगार चलाने और करने वालों को सुहुलियतें देने की बड़ी बड़ी बात करती आ रही है पर सत्यता इस बात के उलट है .
घनसाली में एक मात्र प्राइवेट डॉक्टर और अस्पताल स्मृति नर्सिंग होम मुख्यमंत्री स्वस्थ्य बीना योजना के अंतर्गत लोगों का इलाज़ करने के लिए पंजीकृत है उसके अलावा यहाँ पर इस सरकारी योजना के अंतर्गत कोई भी अस्पताल पंजीकृत नहीं है .
पर मजे की बात देखो वह भी सरकारी मशीनरी की उदाशीनता का शिकार हो गया है. जिस कंपनी को ठेका सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वस्थ्य बीमा के लिए दिया गया था वह पिछले ३ साल से इस अस्पताल का पैसा नहीं दे रही है.
डॉ रमेश भट्ट उसके बावजूद भी स्थानीय लोगो को निरंतर सेवाएं उक्त योजना के नाम पर दे रहे हैं.
सरकार के बड़े बड़े दावे पहाड़ में सेवा देने वालों के लिए कितने हितकारी है उसका जीगता जागता उदाहरण है घनसाली मार्किट में स्थित स्मृति नर्सिंग होम जो पिछले २-३ साल से अपने ८ लाख से भी जयादा रकम का आने का का इन्तजार कर रहे हैं उनको भी बाकी लोगों की तरह ही कोरे आश्वाशन मिल रहे हैं .
उनका २०१५ से लेकर अबतक मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा के नाम पर ८ लाख से भी जयादा का बकाया है. सरकार पहाड़ में सेवा के साथ साथ स्वरोजगार कर रहे लोगन के पार्टी कितनी उदार है उसका जीता जागता नमूना है ये अस्पताल. अब इतने छोटे से अपस्ताल का अगर इतना बड़ा बिल बकाया है तो फिर कैसे रुकेगा पलायन कौन देगा यहाँ पर ऐसे सेवाए.एक तरफ सरकार के बड़े बड़े दावे दूसरी तरफ पहाड़ में सेवा डे रहे लोगों के साथ विक्स वाली सरकार के ये अनूठा रवैया.
केसे देंगे लोग यहाँ पर सेवाएं जब सरकारी तंत्र इन लोगों को ही रुलाएगा जो अपनी जेबों से लोगों को सेवाएं दे रहे हैं.
एक तरफ चमियाला के श्रीकोट में गौतम नामक युवक की आपबीती दूसरा चिकत्सा के क्षेत्र में सेवा डे रहे लोगों का बकाया.
अपने आप में विकास की नयी गाथा गा रहे हैं.
https://youtu.be/iiYDCGk3Nw4