कभी देखा हैं ऐसा नज़ारा।
बारिश बाहर हो रहीं हो और बच्चे छाता खोल के बैठे हैं कक्षा कक्ष के अंदर।

जी हाँ आज हम आपको यही सब बता रहे हैं की जब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद के गृह क्षेत्र की ये स्थिति है तब आप क्या उम्मीद लगा के बैठे हैं।

विकासखंड पाबौ (पौड़ी गढ़वाल ) के अंतर्गत स्थित राजकीय हाईस्कूल पिनानी में छाते के नीचे भविष्य गढ़ा जा रहा है। बरसात में विद्यालय भवन की छत टपक रही है। बारिश होने पर क्लास में बच्चे छाता ओढ़ लेते हैं।

जब ये हालात सूबे के  पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल “निशंक” (जन्म १५ अगस्त, १९५८) के गाँव की है। वे उत्तराखण्ड भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं और एक हिन्दी कवि भी हैं। वर्तमान समय में वे हरिद्वार क्षेत्र से लोक सभा सांसद है और लोक सभा आश्वासन समिति के अध्यक्ष हैं। डाॅ0 रमेश पोखरियाल जी उत्तराखण्ड राज्य के पाँचवे मुख्यमंत्री भी रहे हैं।

ऐसे में सूबे के अन्य विद्यालय जो सरकारी मदद की आस लगाये बैठे है उनका भला होगा कहना बहुत दुस्कर लग रहा है। माननीय हाई कोर्ट द्वारा भी सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए कई बार फटकार लगायी जा चुकी है उसके बावजूद भी स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है, सरकारी तो छोडो सूबे में कॉर्पोरेट जगत के सुरमा अजीम प्रेम जी फाउंडेशन ,टाटा फाउंडेशन भी अपनी सभी ताकतों से सरकारी स्कूलो की सहायता कर रहे है।

बावजूद इसके संसाधन कम पड़ते नजर आ रहे है।

इसी स्थिति में सूबे के कई अन्य स्कूलों के साथ साथ घनसाली विधानसभा के राजकीय इण्टर कॉलेज केमरा केमर (छतिग्रस्त 28 मई 2016 )तथा घुत्तु का भी इण्टर कॉलेज  जहाँ बच्चे बरामदे में बैठकर पढ़ाई कर रहे है।

डबल इंजन के इंजन में ऐसा लगता है जेसे पुराना तेल डालकर इंजन को कुछ ज्यादा ही तेज दौड़ने की कोसिस की गयी , जो अब हिचकोले खा रहा है।

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