इन इंजीनियर्स ने अपने आईटीआर में परिवार के सदस्यों की फर्जी तरीके से बीमारी और दिव्यांगता दिखाकर रिफंड के लिए क्लेम किया था। मामले के संज्ञान में आने के बाद हैदराबाद सर्किल के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर एम मोहन बाबू ने सेंट्रल क्राइम स्टेशन में इन सभी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।
इस तरह से किया था घोटाला
इस केस की जांच करने वाले राम कुमार ने बताया कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी और 80डीडी के तहत कोई भी व्यक्ति मेडीकल ग्राउंड पर रिफंड के लिए क्लेम कर सकता है। इन दोनों सीए ने पोलारिस के कर्मचारियों से मिलकर के उनके आईटीआर इस शर्त पर प्रोसेस करने के लिए कहा कि वो अपने परिवार के सदस्यों को गंभीर बीमारी से पीड़ित दिखाएंगे तो उन्हें क्लेम मिल जाएगा। रिफंड दाखिल करने के बाद प्रत्येक कर्मचारी को 50 हजार से लेकर के 1 लाख रुपये तक का आईटीआर में रिबेट मिल गई। इसके लिए दोनों सीए ने प्रत्येक कर्मी से 10 फीसदी कमीशन के तौर पर लिया।
ऐसा करने से आईटी डिपार्टमेंट को करीब 1.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। डिपार्टमेंट ने कहा है कि वो शहर में मौजूद ऐसे सीए के खिलाफ अभियान चलाकर के कार्रवाई करेगी, जो रिटर्न फाइल करने में गड़बड़ी करके अपना फायदा कर रहे हैं।