नई दिल्ली/मीडिया रिपोर्ट। देश में काले धन को लेकर केंद्र की मोदी सरकार सतर्क हो गई है। इससे निपटने के लिए वो कई तरह के अहम कदम उठा रही है। खबर है कि अब 7 लोकसभा सांसदों और राज्य के 98 विधायकों की संपत्तियां आयकर विभाग के निशाने पर है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके बताया है कि दो चुनावों के बीच इन जनप्रतिनिधियों की संपत्ति में ‘बेतहाशा बढ़ोतरी’ हुई है।

बता दें कि लखनऊ के एक एनजीओ ‘लोक प्रहरी’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका के जरिए आरोप लगाया था कि 26 लोकसभा सांसदों, 11 राज्यसभा सांसद और 257 विधायकों के चुनावी हलफनामे को देखने पर दो चुनावों के बीच उनकी संपत्तियों में बेतहाशा बढ़ोतरी का पता चलता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीडीटी से जवाब मांगा था।

इस पर जवाब देते हुए सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में बताया कि इन आरोपों पर आयकर विभाग ने जांच की। जांच के बाद पता चला कि 26 लोकसभा सांसदों में से 7 सांसद और 98 विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इस मामले में आगे की जांच चल रही है।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो चुनावों के बीच जिन नेताओं की संपत्ति 500 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी है उनका पूरा ब्यौरा दिया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीडीटी से पूछा कि रडार पर आए इन नेताओं पर क्या करवाई की?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी और उम्मीद है कि सीबीडीटी ज्यादा संपत्ति पाने वाले इन नेताओं के नाम एक सीलबंद रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगा।

 

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